[VIEWED 12955
TIMES]
|
SAVE! for ease of future access.
|
|
|
|
Rahuldai
Please log in to subscribe to Rahuldai's postings.
Posted on 11-04-06 10:26
AM
Reply
[Subscribe]
|
Login in to Rate this Post:
0
?
|
|
तिम्रा सत्य नाङगो हुन्छ । तिम्रो असत्य बाङ्गो हुन्छ नाङगो सत्य तिमीलाई पच्दैन्, बाङ्गो कुरामा मेरो कलम चल्दैन, भो भो सबिता अब, तिम्रो कबिता कोर्दिन माया र प्रीतिका कुरा तिम्रा लागि काँचका चुरा जस्तो जीवन र भोगाइ सारा तिम्रो लागि साँझको सुरा जस्तो जति कपडा लगाए तिम्रो आङ् छोपिन्न भो भो सबिता अब तिम्रो रमिता हेर्दिन भो भो सबिता अब तिम्रो कबिता कोर्दिन
|
|
|
|
Amazing
Please log in to subscribe to Amazing's postings.
Posted on 11-05-06 12:04
AM
Reply
[Subscribe]
|
Login in to Rate this Post:
0
?
|
|
कविताको जवाफ कविताले सविताको जवाफ सविताले
|
|
|
Please log in to subscribe to 's postings.
Posted on 11-05-06 2:51
AM
Reply
[Subscribe]
|
Login in to Rate this Post:
0
?
|
|
आइते, सेतो सर्ट लगा'को मै जस्तो लागो, पचाउन कस्तो गार्हो परेको। राहुलजी, कवितात्मक जाओस न
|
|
|
Geology Tiger
Please log in to subscribe to Geology Tiger's postings.
Posted on 09-19-14 12:13
PM [Snapshot: 1981]
Reply
[Subscribe]
|
Login in to Rate this Post:
0
?
|
|
यस्तै हो ठुल्दाइ कविले कुन भावमा लेखेको हो र के लेखेको हो भन्ने कुरा धेरै जान्नेहरुले पढ्दा हुने सामान्य दुर्घटना हो यो ...
|
|
|
magorkhe1
Please log in to subscribe to magorkhe1's postings.
Posted on 09-19-14 2:16
PM [Snapshot: 2092]
Reply
[Subscribe]
|
Login in to Rate this Post:
0
?
|
|
इसे कहते है कबि और पाठक बीच कि दुरी ! मुझे ए किस्साकी याद आयी |
एक जवान भाग रहा था और एक बुज्रुग ने कहा मारो मत जाने दो , दुसरा ने सुना मारो मत जाने दो और उसकी धुलाई हो रही थि |
Last edited: 19-Sep-14 03:51 PM
|
|